कृष्ण भजन Krishna bhajan lyrics हरि दरशन को प्यासी आज मोरी अंखिया उदासी
*आर्यन कृत सूफी लय भजन*
" श्याम रंग मे मैं रंगी तज दुनिया के सब रंग।
दरशन को प्यासे नयन मधुर भाव के संग।।
( अलाप )
हरि दरशन को प्यासी आज मोरी अंखिया उदासी
अंखिया उदासी ओ ~~~
अंखिया उदासी 02
श्याम चरण रत रांची मोरी अंखिया उदासी ।।
हरि दरशन0
वृंदावन की कठिन डगरिया
धीरे-धीरे आऊं तुम्हारी नगरिया
तोहरी नगरिया रे ब्रज की डगरिया ...
जहां बसत श्याम सुखराशी मोरी अंखिया उदासी
।। हरि दरशन0
अब सब छोड़ी मोह और माया
नश्वर जगत भुलाय बिसराया
भुलाय बिसराया रे छोड़ी मोह माया ...
हमहूं भई बृजवासी मोरी अंखिया उदासी ।।
हरि दरशन0
अपने रंग मे अब रंग ले साँवरिया
नाम भजत सब बीती उमरिया
तोपे साँवरिया मैं भई बावरिया ...
मोहे राखो चरण रत दासी मोरी अंखिया उदासी
।। हरि दरशन0
आर्यन' की कलम चलत मुस्कावे
अपने कृष्ण पे बलि - बलि जावें
बलि - बलि जावें हृदय हरषावें ...
अब नाहिं रहूं उपासी मोरी अंखिया उदासी ।।
हरि दरशन0
*आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज*
( भागवत रसिक व लेखक )