F गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः। - bhagwat kathanak
गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।

bhagwat katha sikhe

गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।

गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।

 गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः। 

गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।

गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः। 

या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनिःसृता॥ 

अर्थ- गीता सुगीता करनेयोग्य है अर्थात् श्रीगीताजीको भली प्रकार पढ़कर अर्थ और भावसहित अन्त:करणमें धारण कर लेना मुख्य कर्तव्य है, जो कि स्वयं पद्मनाभ भगवान् श्रीविष्णुके मुखारविन्दसे निकली हुई है; (फिर) अन्य शास्त्रोंके विस्तारसे क्या प्रयोजन है?'

 गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः। 

सभी अध्यायों  की सूची -

 1 , 2 , 3 , 4 , 5 , 6 , 

7 , 8 , 9 , 10 , 11 , 12 , 

13 , 14 , 15 , 16 , 17 , 18 

bhagwat kathanak   / katha hindi

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