yam brahma varunendra lyrics यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुतः
यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुतः स्तुन्वन्ति दिव्यैः स्तवै
र्वेदैः साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगाः।
ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति यं योगिनो
यस्यान्तं न विदुः सुरासुरगणा देवाय तस्मै नमः॥
अर्थ- ब्रह्मा, वरुण, इन्द्र, रुद्र और मरुद्गण दिव्य स्तोत्रोंद्वारा जिनकी स्तुति करते हैं, सामवेदके गानेवाले अङ्ग, पद, क्रम और उपनिषदोंके सहित वेदोंद्वारा जिनका गान करते हैं, योगीजन ध्यानमें स्थित तद्गत हुए मनसे जिनका दर्शन करते हैं, देवता और असुरगण (कोई भी) जिनके अन्तको नहीं जानते, उन (परमपुरुष नारायण) देवके लिये मेरा नमस्कार है।
अर्थ- ब्रह्मा, वरुण, इन्द्र, रुद्र और मरुद्गण दिव्य स्तोत्रोंद्वारा जिनकी स्तुति करते हैं, सामवेदके गानेवाले अङ्ग, पद, क्रम और उपनिषदोंके सहित वेदोंद्वारा जिनका गान करते हैं, योगीजन ध्यानमें स्थित तद्गत हुए मनसे जिनका दर्शन करते हैं, देवता और असुरगण (कोई भी) जिनके अन्तको नहीं जानते, उन (परमपुरुष नारायण) देवके लिये मेरा नमस्कार है।