योत्स्यमानानवेक्षेऽहं / yotsya mana naveksheham
योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागताः।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धे र्युद्धे प्रियचिकीर्षवः॥१-२३॥
-: हिंदी भावार्थ :-
दुर्बुद्धि दुर्योधन का युद्ध में प्रिय चाहने वाले जो राजा युद्ध की इच्छा से इस सेना में आए हैं, उनको मैं देखना चाहूँगा॥23॥