F बूटी हरी के नाम की buti hari ke naam ki lyrics - bhagwat kathanak
बूटी हरी के नाम की buti hari ke naam ki lyrics

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बूटी हरी के नाम की buti hari ke naam ki lyrics

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 बूटी हरी के नाम की buti hari ke naam ki lyrics

बूटी हरी के नाम की सवको पिला के पी 

पीने की है तमन्ना तो खुदको मिटा के पी 

ब्रह्मा ने चारो वेद की, पुस्तक बना के पी 

शंकर ने अपने शीश पै गंगा चढाकर पी 

बृज गोपीयो ने कृष्ण को माखन खिला के पी 

सवरी ने झूठे वेर अपने प्रभु को खिला के पी 

पृथ्वी का भार शेष ने शिर पर उठा के पी 

वाली ने चोट वाण की सीने पै खाके पी 

अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत वना के पी 

बजरंग वली ने रावण की लंका जला के पी

बूटी हरी के नाम की buti hari ke naam ki lyrics

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