जीते भी लकड़ी मरते भी लकडी ~ jite bhi lakdi lyrics in hindi
जीते भी लकड़ी मरते भी लकडी देख तमासा लकड़ी का
क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का
जिस पर तेरा जनम हुआ था वो पलंग था लकड़ी का
जव जव माँ ने लोरी सुनाई वो पलना था लकड़ी का
पढने गया जब पाठ शाला में लेखन पाटी लकड़ी का
जव जव गुरू ने डर दिखलाया डंडा था वो लकड़ी का
जहां पर तेरा व्याह रचाया, वो मंडप था लकडी का
वृद्ध हुआ जव चल न सका तो लिया सहारा लकड़ी का
मरते दम तक मिटा नही पाया, झगडा झगडी लकड़ी का
राम नाम की ज्योती जला ले मिटा जाये झगड़ा लकड़ी का
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