मानव जनम अनमोल रे manav janam anmol re lyrics
मानव जनम अनमोल रे मिट्टी में न घोल रे
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं रे
तू बुलबुला है पानी का मत कर जोश जवानी का
नेक कमाई कर ले वन्दे पता नही जिन्दगानी का
मीठा सब से वोल रे मिट्टी में न बोल रे ॥ अव जो मिला.
तू सतसंग में जाया कर गीत प्रभु के गाया कर
सुवह साम तू वैठ के वन्दे ध्यान प्रभु का लगाया कर
नही लगता कुछ मोल रे मिट्टी में न घोल रे ॥ अव जो मिला.
मतलव का संसार है इसका नही ऐतवार है
सम्भल-सम्भल कर कदम बढ़ाना फूल नही अंगार है
मन की आखै खोल रे मिट्टी में न घोल रे ॥ अव जो मिला.
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