Manglacharan in Sanskrit PDF मंगलाचरण लिरिक्स इन हिंदी

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1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥ 


2. सच्चिदानन्दरूपाय विश्वोत्पत्त्यादिहेतवे ।

तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ॥


ध्येयं सदा परिभवघ्नमभीष्टदोहम्,

तीर्थास्पदं शिवविरिञ्चिनुतं शरण्यम् । 

भृत्यार्तिहं प्रणतपाल भवाब्धिपोतम्,

वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् ॥ 


3. वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात्,

पीताम्बरादरुणबिम्बफलाधरोष्ठात् । 

पूर्णेन्दुसुन्दरमुखादरविन्दनेत्रात्,

कृष्णात्परं किमपि तत्वमहं न जाने ॥ 


4. कृष्ण त्वदीय पदपंकजपंजरान्ते,

अद्यैव मे विशतु मानसराजहंस । 

प्राणप्रयाणसमये कफवातपित्तैः,

कण्ठावरोधनविधौ स्मरणं कुतस्ते ॥


5. नारयणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् ।

देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥ 


अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया |

चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ॥ 


6.जय जय श्री राधा रमण, जय जय नवल किशोर । 

जय गोपी चितचोर प्रभु, जय जय माखन चोर ॥

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