F ऐसी होरी तोय खिलाऊ aisi hori tohe khilau lyrics - bhagwat kathanak
ऐसी होरी तोय खिलाऊ aisi hori tohe khilau lyrics

bhagwat katha sikhe

ऐसी होरी तोय खिलाऊ aisi hori tohe khilau lyrics

 ऐसी होरी तोय खिलाऊ aisi hori tohe khilau lyrics

 ऐसी होरी तोय खिलाऊ aisi hori tohe khilau lyrics

ऐसी होरी तोहे खिलाऊ दूध छटी को याद दिलाऊ 

सुनले सांवरे होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे । 

होरी का बना फिरे खिलडी देखू तेरी होरी । 

इतनी मार लगाऊ तोमे चस्के कोरी कोरी । ।

तोमे ऐसा लठ्ठ वजाऊ तेरी होरी में छुडवाऊ । 

वडा तोहे चाव रे होरी खेले तो अइयो मोरे गॉव रे 

छीन लेहू मुरली पीताम्बर कटि लहगा पहनाऊ । 

नैनन सुरमा देउ लाली चुनरी सीस ओढाऊ ॥ 

तोकू सुन्दर नारी बनाऊ तोहे यशोदा निटक नचाऊ 

जो लग जाये दाग रे होरी खेले..... 

यशोदा ने कैसे जाये होगा गारी दे वृज नारी 

होरी का तोहे मजा चखा दे याद करे महतारी 

कान खोल के सुन दारी के आओं आओं मतवारी के 

दिखावत फाग रे - होरी खेले... 

पांच सात ग्वालो को लेके करता फिरे वरजोरी 

गली गली में शोर मचावे राधा गोरी गोरी 

अव तक तूने की मन मानी अवके याद करेगौ नानी 

मचे जव फाग रे होरी खते तो आओं ने......

ऐसी होरी तोय खिलाऊ aisi hori tohe khilau lyrics

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