लागल जनक पुरिया मेला lagal janakpur mein mela
लागल जनक पुरिया मेला
लागल जनक पुरिया मेला देखैके म्हारा मनवा करेला
राजा
जनक जी धनुष प्रण कीन्हा
कौन
वीर तोरै अकेला ! देखैके हमरा..
देश विदेश के राजा जो अईलै
एक से एक अलवेला ! देखैके हमरा..
पश्चिम
दिशा से एक साधू बाबा आइलें
संग
में लिये दो चेला! देखैके हमरा..
एक साँवर एक गौर मनोहर
जिनका देख देख जिय ललचेला ! देखैके हमरा..
चलौ
सखि नयन सुफल करि आवै
पैसा
लगेना धेला! देखैके हमरा............