गौरी पद्मा शची मेधा- षोडशमातृका gauri padma sachi medha
षोडशमातृका
गौरी पद्मा शची मेधा, सावित्री विजया जया |
देवसेना स्वधा स्वाहा, मातरो लोकमातरः ॥ 22 ॥
धृतिः पुष्टिस्तथा तुष्टिः,आत्मनः कुलदेवता |
गणेशेनाधिका ह्येता, वृद्धौ पूज्याश्च षोडश ॥ 23 ॥
अर्थात्- गौरी, पद्मा, शची, मेधा, सावित्री, विजया, जया, देवसेना, स्वधा, स्वाहा, माताएँ,
लोक माताएँ, धृति, पुष्टि,
तुष्टि तथा अपनी कुल देवी ये सोलह पूजनीया मातृकाएँ गणेश से भी अधिक
वृद्धि प्रदान करने वाली हैं ।