Bhagwat Puran online class- भागवत साप्ताहिक कथा क्लास
Bhagwat Puran online class- (भागवत साप्ताहिक कथा क्लास) 7 माह का प्रशिक्षण लेने के बाद आपको विद्यालय की तरफ से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। 07:30 PM से 09:00 तक। zoom class time: भागवत साप्ताहिक कथा सीखें
भागवत साप्ताहिक कथा सीखें - यहाँ पर आप सातो दिनों की भागवत कथा- श्लोक,दृष्टान्त,भजन,छंद,चौपाई,सोरठा आदि के साथ विधिवत तयारी कर सकते हैं सिर्फ 6 महीने में। भागवत सप्ताहिक कथा का नया सत्र प्रारंभ हो चुका है जो कथा सीखने के इच्छुक है वे शीघ्र ही संपर्क कर अपना नामांकन करायें।
Call Number: 8368032114
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र -सुप्रसिद्ध कथावाचक एवं प्रशिक्षक:- आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज ( संकर्षण रामानुज दास )
भागवत महापुराण हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भगवान श्री कृष्ण के जीवन और उपदेशों का वर्णन करता है। यह कथा भक्तिपरक दृष्टिकोण को प्रमोट करती है और सामाजिक मूल्यों की व्याख्या करती है। भागवत कथा का अध्ययन न केवल आध्यात्मिक विकास में सहायक है, बल्कि यह मानसिक शांति, आपसी संबंधों को मजबूत करने और ज्ञान को बढ़ाने का माध्यम भी है। हमारी ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेकर आप भागवत कथा के गहरे ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं और अपने आत्मिक विकास की यात्रा को शुरू कर सकते हैं।
भागवत महापुराण का परिचय
भागवत महापुराण, जिसे विशेष रूप से भागवता के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय ग्रंथ है। यह पुराण भगवान श्री कृष्ण के जीवन, उनकी लीलाओं और उपदेशों का विस्तार से वर्णन करता है। हिन्दू धर्म में भागवत महापुराण को भक्ति और सामाजिक मूल्यांकन में एक विशेष स्थान दिया गया है। इसकी सामग्री भक्तिमार्ग की व्याख्या करती है, जो ज्ञान, भक्ति और ध्यान के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति के लिए नेतृत्व करती है।
यह ग्रंथ 18,000 श्लोकों में निबंधित है और इसे 12 स्कंधों (अध्यायों) में विभाजित किया गया है। प्रत्येक स्कंध में विभिन्न अध्यायों के माध्यम से ज्ञान और भक्ति की गहरी बातें सम्मिलित की गई हैं। भागवत महापुराण में भगवान श्री कृष्ण का मधुर और रहस्यमय जीवन, उनकी बाललीलाएँ, गुण और उपदेश, भक्ति का मार्ग एवं परमात्मा में स्थिरता की विशदता से चर्चा की गई है। विशेष तौर पर, भगवद्गीता की उपदेशशैली से भिन्न, यह ग्रंथ भक्तिपरक दृष्टिकोण को महत्वपूर्णता प्रदान करता है।
भागवत महापुराण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और आत्मिक विकास के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करने वाला एक साधन भी है। इसमें सृष्टि के सिद्धांतों के अलावा विभिन्न देवताओं और देवी-देवियों का भी उल्लेख किया गया है। भक्तों के लिए, यह ग्रंथ भगवान श्री कृष्ण के प्रति सच्चे समर्पण और भक्ति का प्रतीक है, जो उन्हें परम प्रेम और आनंद की अनुभूति कराता है।
ऑनलाइन कक्षा का स्वरूप
भागवत साप्ताहिक कथा की ऑनलाइन कक्षाएँ एक सुव्यवस्थित और समर्पित प्रारूप में आयोजित की जाती हैं, जो विद्यार्थियों को घर पर रहते हुए भागवत कथा के ज्ञान को प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती हैं। इन कक्षाओं का समय आमतौर पर एक निर्धारित सप्ताह में रखा जाता है, जिसमें प्रत्येक कक्षा लगभग एक से दो घंटे की होती है। यह समय विद्यार्थियों की सुविधा के अनुसार चुना जाता है, ताकि अधिकतम लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकें।
कक्षा का प्रारूप बेहद सरल और व्यावहारिक होता है। अध्यापक, जो भागवत कथा के जानकार होते हैं, अपनी विद्या को स्पष्ट और सरल तरीके से प्रस्तुत करते हैं। कक्षा में लाइव आपसी संवाद की व्यवस्था होती है, जिससे विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने और चर्चा करने का मौका मिलता है। पाठ्यक्रम में भागवत की महत्वपूर्ण कहानियों के साथ-साथ उनके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर भी चर्चा की जाती है।
तकनीकी आवश्यकताओं की बात करें तो, विद्यार्थियों को केवल एक स्मार्टफोन, टैबलेट, या कंप्यूटर और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। कक्षाओं के लिए ज़ूम प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग किया जाता है, जो कि एक सरल और सहज उपयोग वाले इंटरफ़ेस के साथ उपस्थित होता है। ज़ूम पर पंजीकरण करना और कक्षा में शामिल होना बेहद आसान है। सूचनाएँ और कक्षा का लिंक ईमेल या संदेश के जरिए विद्यार्थियों के साथ साझा किया जाता है, जिससे उन्हें कक्षा में शामिल होने में कोई कठिनाई नहीं होती। इस प्रकार, ऑनलाइन भागवत साप्ताहिक कथा की कक्षाएँ एक समर्पित और सुलभ माध्यम प्रदान करती हैं, जहां विद्यार्थी भक्ति और ज्ञान की एक नई ऊँचाई पर पहुँच सकते हैं।
प्रशिक्षण की अवधि और प्रमाण पत्र
भागवत साप्ताहिक कथा क्लास एक संरचित और समर्पित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसकी अवधि कुल 7 महीने है। इस दौरान, छात्रों को विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर जानकारी दी जाती है, जो उनके ज्ञान के स्तर को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रत्येक सप्ताह, छात्रों को विविध पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों के माध्यम से सिखाया जाता है, जो इस ज्ञानी यात्रा को रुचिकर और उपयोगी बनाते हैं। 7 महीने की अवधि सुनिश्चित करती है कि छात्र आसानी से पाठ्यक्रम को पूरा कर सकें और अपने सीखने के अनुभव को पूरी तरह से साधारण करें।
इस प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद, छात्रों को विद्यालय की तरफ से एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण मान्यता है जो छात्रों की मेहनत और समर्पण को दर्शाता है। एक मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र छात्रों को आगे बढ़ने में मदद करता है, विशेष रूप से जब वे धार्मिक या आध्यात्मिक अध्ययन के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
प्रमाण पत्र का महत्व कई दृष्टिकोण से है। यह न केवल छात्रों की विशेषज्ञता की पुष्टि करता है, बल्कि यह उन्हें किसी भी धार्मिक संस्थान, परिवार या समाज में एक विशिष्ट स्थान भी प्रदान करता है। इससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है और वे अपने ज्ञान को साझा करने के लिए प्रेरित होते हैं। प्रमाण पत्र प्राप्ति की प्रक्रिया को पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ अंजाम दिया जाता है, जिससे छात्रों को विश्वास होता है कि उनका प्रयास और समर्पण मान्यता प्राप्त है।
क्लास का समय और संपर्क जानकारी
भागवत साप्ताहिक कथा क्लास का आयोजन प्रतिदिन शाम 7:30 बजे से 9:00 बजे तक किया जाता है। यह कक्षा उन सभी भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर है, जो भागवत गीता और इसकी शिक्षाओं के प्रति अपनी समझ को और गहरा करना चाहते हैं। इस क्लास में भाग लेकर, प्रतिभागी न केवल धार्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ भी जुड़ने का मौका पाएंगे।
कक्षा का यह समय सभी विशेष रूप से व्यस्त पेशेवरों और छात्रों के लिए अनुकूलित किया गया है, ताकि वे अपनी दैनिक गतिविधियों के बावजूद भाग ले सकें। शाम का समय इसलिए चुना गया है ताकि सभी लोग आराम से अपने परिवार और अन्य जिम्मेदारियों से निपटकर कक्षा में आ सकें। भागवत साप्ताहिक कथा क्लास अलग-अलग आयु समूहों के लिए खुली है और इसे किसी भी स्तर पर आस्था रखने वाले लोग आसानी से समझ सकते हैं।
यदि आप इस कक्षा में भाग लेने के इच्छुक हैं या अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए संपर्क नंबर का उपयोग कर सकते हैं। फोन नंबर 8368032114 पर संपर्क करके, आप कक्षा की और जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ पर आप कक्षा से जुड़ी किसी भी अन्य प्रश्न का उत्तर भी प्राप्त कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य है कि हम सभी के लिए भागवत कथा के महत्व को सरलता से प्रस्तुत करें, और आपकी जिज्ञासाओं को संतुष्ट करने के लिए हर संभव प्रयास करें।
किसके द्वारा सिखाई जाती है कथा
भागवत साप्ताहिक कथा का पाठ श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र के आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज द्वारा किया जाएगा। आचार्य शिवम् मिश्र जी का जिवन भक्तिपूर्ण और शिक्षाप्रद अनुभवों से भरा हुआ है। उन्होंने विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है और उनके पास वेद, उपनिषद, और भागवत पुराण के गहन अध्ययन का अनुभव है।
उनका प्रशिक्षण परंपरागत तरीकों के साथ-साथ आधुनिक शिक्षण विधियों का भी समावेश करता है। आचार्य जी ने अपने ज्ञान को कई वर्षों तक साधुओं और भक्तों के सामने प्रस्तुत किया है, जिससे उन्होंने व्यक्तिगत और सामुदायिक आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी शिक्षाएँ न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं से जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है, जिससे श्रोताओं को वास्तविक जीवन में भी उपयोगी अनुभव प्राप्त होता है।
आचार्य शिवम् मिश्र जी के व्याख्यान सूक्ष्मता और गहराई के लिए जाने जाते हैं। उनका उद्देश्य श्रोताओं को गहन ज्ञान के साथ-साथ भक्ति का अनुभव कराना है। वे अपनी कथा के माध्यम से साधकों को सीधे भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण की ओर प्रेरित करते हैं, जिससे उनके जीवन में आंतरिक शांति और संतोष का संचार होता है। इसके अतिरिक्त, वे ज्ञान के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और फैलाने में भी सक्रिय रहते हैं। इसलिए, भागवत साप्ताहिक कथा अध्ययन का यह अवसर न केवल श्रोताओं को ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा का भी प्रारंभ है।
शिक्षण पद्धति और सिद्धांत
भागवत साप्ताहिक कथा की शिक्षण पद्धति अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण है। इस पद्धति में शास्त्रों के श्लोक, दृष्टांत, भजन, छंद, चौपाई, और सोरठा जैसी विधाओं का समावेश किया गया है। इन सबका उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना नहीं है, बल्कि विधि और भक्ति के माध्यम से आध्यात्मिक विकास को भी प्रोत्साहित करना है।
श्लोकों का अध्ययन न केवल पाठकों को शास्त्रों के मूल तत्वों से परिचित कराता है, बल्कि यह उन्हें पाठ की गहराई को समझने का एक ठोस आधार भी प्रदान करता है। श्लोकों के माध्यम से सिद्धांतों की स्पष्टता और रचनात्मकता में वृद्धि की जाती है। दृष्टांतों का प्रयोग करते हुए, श्रोताओं को जीवन की विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाता है, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत साधना में सहायता मिलती है।
भजन और छंद का उपयोग शिक्षण के दौरान आनंद और तात्त्विकता का समन्वय करने के लिए किया जाता है। ये न केवल भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ाते हैं, बल्कि साधको में ऊर्जा और प्रेरणा का संचार भी करते हैं। चौपाई और सोरठा जैसी विधाएँ कथा के अनुभव को और भी समृद्ध बनाती हैं। ये रचनात्मक साधन सुनने और समझने की प्रक्रिया को आकर्षक एवं सरल बना देते हैं।
इस तरह, भागवत साप्ताहिक कथा की शिक्षण पद्धति एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाती है, जो भक्ति, ज्ञान और सामाजिक साक्षरता के बीच संतुलन स्थापित करती है। प्रत्येक विधा का उद्देश्य विशेष है, और इनके संयोजन से एक ऐसा शिक्षण वातावरण तैयार होता है जो शिक्षार्थियों के आत्मिक उत्थान में सहायक होता है। इस वर्ग में भाग लेने के माध्यम से, विद्यार्थी इन शिक्षण विधाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपने आध्यात्मिक विकास की यात्रा को सशक्त बना सकते हैं।
भागवत कथा का महत्व
भागवत कथा, जिसे विशेषकर धार्मिक और आध्यात्मिक संदर्भ में अत्यधिक महत्व दिया जाता है, भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में जाना जाता है। यह कथा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों पर आधारित है, जो न केवल भक्ति का मार्ग दर्शाती है, बल्कि आत्म ज्ञान और मोक्ष की शक्तियों को भी उजागर करती है। भागवत कथा का श्रवण एवं अध्ययन व्यक्ति के मन और आत्मा को शांति तथा संतोष प्रदान करता है। आध्यात्मिक यात्रा पर चलने वाले भक्तों के लिए यह कथा एक मार्ग दर्शक की भूमिका निभाती है।
इस कथा का एक विशेष पहलू यह है कि यह प्रेम, दया और क्षमा जैसे मूल्य को प्रस्तुत करती है। भक्त जब भागवत कथा का श्रवण करते हैं, तब उन्हें न केवल भगवान के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को विकसित करने का अवसर मिलता है, बल्कि यह उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा भी देती है। भक्ति भाव से सुनने पर भागवत कथा के संदेश सरल और सुगम हो जाते हैं। यही कारण है कि यह कथा अनेक भक्तों के लिए प्रेरणादायक बन जाती है।
आजकल, भागवत कथा का महत्व और भी बढ़ गया है, विशेषकर ऑनलाइन प्रस्तुतियों के माध्यम से। यह न केवल लोक साझा करने का एक मंच प्रदान करता है बल्कि दूरदराज के भक्तों को भी कथा के तत्वों से जोड़ता है। ऑनलाइन भागवत साप्ताहिक कथा क्लास जैसे कार्यक्रमों की मदद से, अधिक से अधिक लोग इस कथा का अनुशरण कर पा रहे हैं। इस प्रकार, भागवत कथा का महत्व न केवल आध्यात्मिक ज्ञान में है, बल्कि यह जीवन की गहरी समझ भी प्रदान करता है।
भागवत कथा का अभ्यास कैसे करें
भागवत कथा का अभ्यास करना एक गहन और समर्पण वाला अनुभव हो सकता है, जो न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देता है बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान को भी विस्तृत करता है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने घर पर या समूह में इस महत्वपूर्ण ग्रंथ का अध्ययन कर सकता है। सबसे पहला तरीका घरेलू पाठ है, जहाँ आप नियमित रूप से एक निश्चित समय पर भागवत कथा का पाठ कर सकते हैं। इस विधि से आप कथा को गहराई से समझने के लिए समय निकाल सकते हैं और उसे अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।
इसके अलावा, समूह में भागवत कथा का अध्ययन करना भी अत्यन्त लाभकारी है। जब आप एक समूह के साथ कथा का पाठ करते हैं, तो विचारों का आदान-प्रदान और बहस होती है, जो आपकी समझ को और भी गहरा बनाता है। आप अपने विचार साझा कर सकते हैं और दूसरों से सीख सकते हैं, जिससे आपको कथा के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान मिलता है। समूह में पढ़ाई करते समय, एक संवादात्मक विधि अपनाकर चर्चा करें और सभी प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करने का मौका दें।
अभ्यास को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, कथा के बारे में ध्यान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर पाठ के बाद, कुछ समय के लिए ध्यान में बैठें और विचार करें कि आप ने किस विषय का अध्ययन किया और यह आपके जीवन में कैसे लागू कर सकता है। इस प्रकार, भागवत कथा का अभ्यास न केवल साधना का एक साधन है, बल्कि यह जीवन की विभिन्न चुनौतियों का समाधान भी प्रस्तुत करता है। नियमित अभ्यास से आपकी आध्यात्मिक यात्रा और भी सशक्त होगी।
भागवत कथा के अध्ययन से मिलने वाले लाभ
भागवत कथा का अध्ययन केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक विकास, और सामाजिक संबंधों को बेहतर बनाने का एक प्रभावी माध्यम है। इस कथा में निहित ज्ञान और संस्कार व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से भागवत कथा सुनने से मन की शांति में वृद्धि होती है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है, जो कि आज के आधुनिक जीवन में एक आम समस्या है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, भागवत कथा का अध्ययन आत्मा की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। यह आत्मज्ञान प्राप्त करने का एक साधन है, जो व्यक्ति को अपने वास्तविक स्वरूप और जीवन के उद्देश्य को समझने में सहायता करता है। कथा में भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं का वर्णन, शुद्ध प्रेम, भक्ति, और भक्ति मार्ग की प्रेरणा प्रदान करता है। इससे साधक में सकारात्मकता और प्रेम का भाव उत्पन्न होता है, जिससे उनका आध्यात्मिक विकास संभव होता है।
सामाजिक दृष्टिकोण से भी भागवत कथा का अध्ययन महत्वपूर्ण है। यह लोगों को एकजुट करता है, समुदाय को संगठित करता है और आपसी संबंधों को मजबूत बनाता है। जब लोग भागवत कथा में भाग लेते हैं, तो वे एक दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा करते हैं, जिसके माध्यम से वे एक दूसरे के प्रति अधिक स्नेह और सम्मान उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार, भागवत कथा का अध्ययन न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी लाभकारी है।