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bhagwat katha sikhe

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श्रीराम देशिक प्रशिक्षण केंद्र एक धार्मिक शिक्षा संस्थान है जो भागवत कथा, रामायण कथा, शिव महापुराण कथा, देवी भागवत कथा, कर्मकांड, और मंत्रों सहित विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
End of pride गर्व का अन्त / हमें अपनी शक्ति पर गर्व नहीं करना चाहिए !

End of pride गर्व का अन्त / हमें अपनी शक्ति पर गर्व नहीं करना चाहिए !

विजयी और पराजित

गर्व का अन्त "
इस युग के- यूरोप के तीन महान् गर्विष्ठ- नेपोलियन, मुसोलिनी और हिटलर| तीनों अपने को अपराजित मानने वाले| तीनों ने विश्व साम्राज्य का सपना देखा|तीनों तपे- खूब तपे किंतु-

( सम्राट नेपोलियन )

सम्राट नेपोलियन- वह कहता था! शब्दकोश से 'असंभव' शब्द निकाल देना चाहिए| यूरोप को उसकी विजयवाहिनी सेना ने रौंद कर धर दिया| नेपोलियन जिधर गया- विजय उसका स्वागत करने को पहले से प्रस्तुत मिली|

वही नेपोलियन एक नन्हे से समुद्री टापू में कारागार में मरा वह| उसकी विजय का क्या महत्व रह गया? एक साधारण कैदी बनकर वह जेल में जब सड़ता रहा- कहां गया उसका गर्व|

End of pride गर्व का अन्त / हमें अपनी शक्ति पर गर्व नहीं करना चाहिए !

( मदांध मुसोलिनी )

मदान्ध मुसोलिनी- पूरा दानव बन गया था वह| अपनी वायु सेना पर उसे बड़ा गर्व था| शक्ति के मद में चूर मुसोलिनी- उसने कहा था| 'युद्ध तो विश्व की अनिवार्य आवश्यकता है| नन्हे से देश अबीसीनिया पर बर्बर आक्रमण करके प्रसन्न होता रहा वह|

उसने उस असमर्थ देश के निवासियों पर विषैली गैसें डलवाई विजय के लिए| वही मुसोलनी- युद्ध को विश्व की अनिवार्य आवश्यकता बताने वाला, वही सीन्योर मुसोलिनी- युद्ध ने ही उसे समाप्त कर दिया|

फांसी के तख्ते पर प्राणांत हुआ उसका |

End of pride गर्व का अन्त / हमें अपनी शक्ति पर गर्व नहीं करना चाहिए !


( हिटलर )
हिटलर- हिटलर का तो नाम ही आतंक का प्रतीक बन गया था| हिटलर ने जैसे एक हाथ में हथकड़ी और दूसरे हाथ में बम लेकर विश्व को चुनौती दे दी थी- हथकड़ी पहनो! मेरी परतंत्रता स्वीकार करो| नहीं तो मैं तुम्हारे ऊपर बम पटक दूंगा|भून दूंगा मैं तुम्हें|

युद्ध की अग्नि स्वयं हिटलर ने लगाई और उस युद्ध ने उसके सामने ही जर्मनी को खंडहर कर दिया| हिटलर- एडाल्फ हिटलर का अस्तित्व इस प्रकार मिट गया कि उसके शव का भी किसी को पता नहीं चला|

End of pride गर्व का अन्त / हमें अपनी शक्ति पर गर्व नहीं करना चाहिए !

भगवान् गर्वहारी हैं| मनुष्यका गर्व मिथ्या है| धन का, बल का, सेना का, ऐश्वर्य का किसी का, कितना भी बड़ा गर्व- गर्व तो मिटेगा- मिटकर रहेगा|
गर्व भूलकर भी नहीं करना 

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