तार्किक व्यक्ति हास्य प्रसंग
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राजेश्वरानंद जी महाराज |
उसने कहा कि बैल को कोई हांकने वाला नहीं ,
बैल कैसे चल रहा है | तो वह व्यक्ति बोला कि एक बार हम जाकर उसे हांक देते हैं और उसकी आंखों पर पट्टी बंधी है वह समझता है हांकने वाला पीछे ही है इसलिए वह चलता रहता है |तार्किक बोला यह तो कोई बात नहीं हुई ,
यह भी तो हो सकता है कि बैल चलते चलते रुक जाए, तुम्हें कैसे पता चलेगा ? तुम तो बाहर बैठे हो | तो उसने कहा मैंने बैल के गले में घंटी बांध रखी है बैल चलते-चलते रुकता है तो, घंटी बजनी बंद हो जाती है हम समझ जाते हैं बैल ने चलना बंद कर दिया फिर जाकर हांक देते हैं |वह तो तार्किक था वह बोला- यह तो ठीक है लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है , की बेल एक ही जगह खड़ा खड़ा गर्दन हिलाते रहे अगर वो एक ही जगह खड़ा गर्दन हिलाएगा तो तुम्हें कैसे पता चलेगा क्योंकि
घंटी तो बजती रहेगी |
वह आदमी हाथ जोड़कर बोला क्षमा करें साहेब वह बैल है आपकी तरह तार्किक नहीं है |
एक कवि ने कहा है - इश्क वाले कर गए तय मंजिल है , आखिलों के रास्ते दुश्वार थे ||