श्री हनुमान जी की राम भक्ति का अनुपम उदाहरण

[ रोम रोम में राम ]

श्री राम हनुमान जी भक्ति हनुमान जी की राम भक्ति हनुमान की राम भक्ति हनुमान जी श्री राम भक्त श्री राम भक्त हनुमान जी की आरती श्री राम भक्त हनुमान की आरती राम भक्त हनुमान जी की आरती राम भक्त हनुमान की आरती श्री हनुमान राम भक्त कथा श्री राम भक्त हनुमान जी की कथा श्री राम हनुमान जी का भक्ति गाना श्री राम हनुमान जी के भक्ति गाने श्री राम हनुमान जी के भक्ति श्री राम हनुमान जी के भक्ति गीत श्री राम हनुमान जी के भक्ति गाना श्री राम हनुमान जी का भक्ति श्री राम भक्त हनुमान जी की कथा सुनाई श्री राम भक्त हनुमान जी की कहानी श्री राम भक्त हनुमान जी की गाथा श्री राम भक्त हनुमान जी की गाथा गाते हैं श्री राम भक्त हनुमान की गाथा राम भक्त हनुमान जी की गाथा श्री राम भक्त हनुमान की कथा श्री राम भक्त हनुमान जी की जय श्री राम भक्त हनुमान की जय जय श्री राम भक्त हनुमान की श्री राम भक्त हनुमान जी की महिमा राम भक्त हनुमान जी की महिमा राम भक्त हनुमान की महिमा ram bhakt hanuman ki mahima श्री राम भक्त हनुमान जी की लीला राम भक्त हनुमान की लीला

श्री हनुमान जी की राम भक्ति का अनुपम उदाहरण

हनुमान जी जिस वस्तु में राम नाम नहीं वह वस्तु तो दो कौड़ी की भी नहीं | उसके रखने से क्या लाभ ? श्री हनुमान जी ने अयोध्या भरे दरबार में यह बात कही |  स्वयं जानकी मैया ने बहुमूल्य मणियों की माला हनुमान जी के गले में डाल दी थी, राज्याभिषेक समारोह का यह उपहार था | सबसे मूल्यवान उपहार , अयोध्या के रत्न भंडार में भी वैसी मणियाँ और नहीं थी | सभी उन मणियों के प्रकाश एवं सौंदर्य से मुग्ध थे, मर्यादा पुरुषोत्तम को श्री हनुमान जी सबसे प्रिय हैं, सर्वश्रेष्ठ सेवक हैं पवन कुमार यह सर्वमान्य सत्य है | उन श्री आंजनेय को सर्वश्रेष्ठ उपहार प्राप्त हुआ , यह आश्चर्य की बात थी ना ईर्ष्या की |

श्री हनुमान जी की राम भक्ति का अनुपम उदाहरण

आश्चर्य की बात तो तब हो गई, जब हनुमानजी अलग बैठकर उस हार की महा मूल्यवान मणियों को अपने दांतो से फटाफट तोडने लगे | एक दरबारी जौहरी ने टोका, तो उन्हें बड़ा विचित्र उत्तर मिला |जौहरी बोला आपके शरीर में राम नाम लिखा है ? जौहरी ने कुढकर पूछा था | लेकिन मुंह की खानी पड़ी उसे, हनुमान जी ने अपने वज्रनख से अपनी छाती का चमड़ा उधेड़ कर दिखा दिया , श्रीराम ह्रदय में विराजित थे और रोम रोम में राम लिखा था | उन श्री राम दूत के जिस वस्तु में राम नहीं है, वह वस्तु तो दो कौड़ी की है, उसे रखने से लाभ नहीं | हनुमान जी की वाणी, केसरी कुमार का शरीर राम नाम से ही निर्मित हुआ है, उनके रोम रोम में राम नाम अंकित है, उनके वस्त्र आभूषण आयुध सब राम नाम से बने हैं, उनके कण-कण में राम नाम है |जिस वस्तु में राम नाम ना हो वह वस्तु उन पवन पुत्र के पास कैसे रह सकती है |

श्री हनुमान जी की राम भक्ति का अनुपम उदाहरण

राम माथ, मुकुट राम, राम सिर, नयन राम,
राम कान,नासा राम,ठोढ़ी राम नाम है |
राम कंठ, कंध राम,राम भुजा बाजूबंद,
राम हृदय अलंकार,हार राम नाम है ||
राम उदर,नाभि राम,राम कटी कटी-सूत्र,
राम बसन,जंघ राम,जानू पैर राम है |
राम मन,वचन राम,राम गदा,कटक राम,
मारुति के रोम-रोम व्यापक राम नाम है ||

श्री हनुमान जी की राम भक्ति का अनुपम उदाहरण

0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close