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बद्रीनाथ यात्रा के सम्बन्ध में सामान्य सूचनायें,Story of Shri Badrinath,part-19

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बद्रीनाथ यात्रा के सम्बन्ध में सामान्य सूचनायें,Story of Shri Badrinath,part-19

बद्रीनाथ यात्रा के सम्बन्ध में  सामान्य सूचनायें,Story of Shri Badrinath,part-19
बद्रीनाथ यात्रा के सम्बन्ध में सामान्य सूचनायें
श्री बद्रीनाथ जी की कथा
Story of Shri Badrinath
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स्थिति-जनपद चमोली में पृथ्वी की अक्षांश रेखा 30°-44'-56" और देशान्तर रेखा-79°-32- 20" पर नर-नारायण पर्वत के मध्य अलकनन्दा के दोनों किनारों पर पुरी बद्रीनाथ अवस्थित हैं। सिन्धुतट से ऊंचाई- 3155 मीटर।  
जलवायु-नवम्बर से अप्रैल तक-हिमाच्छादित मई से नवम्बर तक-शीत
जुलाई से सितम्बर तक-वर्षा। 
तापमान- ग्रीष्म ऋतु में- अधिकतम 170° सेन्टी०
(अगस्त में) न्यूनतम 5.6°  सेन्टीग्रेड (अक्टूबर में) 
वस्त्र- अक्टूबर से नवम्बर-भारी ऊनी वस्त्र
मई से सितम्बर-ऊनी वस्त्र। 
भाषा- गढ़वाली, हिन्दी, अंग्रेजी। 
यात्रा का उत्तम समय-मई से जून और सितम्बर से अक्टूबर।
यात्रा के संबंध में सूचनाएं - 3 दूरी- हरिद्वार से 320 किलोमीटर श्रीनगर (गढ़वाल) से 190 किलोमीटर। वर्तमान में निकटतम हवाई अड्डा जौली ग्रांट ऋषिकेश से 18 कि०मी० निकट भविष्य में गौचर (जनपद चमोली) में प्रस्तावित है। 
मन्दिरों के पट- उत्तराखण्ड के सभी मन्दिरों के पट लगभग मई के पहले सप्ताह में खुलते हैं और दीपावली
को बन्द हो जाते हैं। हैजे का टीका-यह आपके हित की बात है कि हैजे का टीका अवश्य लगवाकर जाएँ। ऊनी कपड़ों की व्यवस्था- समुद्रतल से 6000 फीट या उससे अधिक ऊंचे स्थानों पर, पूरी बाजू का स्वेटर, ऊनी टोपी, मौजे और जूतों की आवश्यकता पड़ती है। 
भोजन- पका हुआ खाना और चाय, कॉफी आदि प्रत्येक स्थानों पर मिल जाते हैं। पहाड़ी स्थानों पर स्वास्थ्य के लिए गर्म खाना ही खाएँ, ठंडा नहीं। आवश्यकता अनुसार कुछ सूखे मेवे, बिस्कुट, नमकीन, सूखा दूध आदि अपने पास भी रखें।
 दवाईयाँ- 1. एवोमिन की गोली (मार्ग में चक्कर आने के लिए) कोडीपायोरिन तथा नॉवलजीन (सर्दी व
दर्द आदि के लिए) 3.सल्फा म्यूनाडीन (पहाड़ी अपचन के लिए) 4.कोरोमीन (दिल के लिए) 5.अमृतधारा इत्यादि (पेट की खराबी के लिए) 6.सीबाजोल पाउडर (चोट आदि लगने पर) 7.चूर्ण, पुदीन हरा तथा व्यक्तिगत
आवश्यकता के अनुसार दवाईयां अवश्य लेकर जानी चाहिये।
पंचबद्री--
1. श्रीआदि बद्री-रानी खेत-रामनगर मोटर मार्ग
पर कर्ण प्रयाग से 18 कि.मी.।
 2. श्री वृद्ध बद्री- पीपल कोटी-जोशी मठ __ मार्ग पर अनीमठ में। 
3. श्री भविष्य बद्री-पीपल मठ से 15 कि.मी.
। तपोवन के समीप। 
4. श्रीयोग बद्री-जोशीमठ से 24 कि.मी.
- पांडुकेश्वर में। 
5. श्री बद्री नारायण अथवा श्री बद्रीविशाल।
पंच केदार-- 
1. मद महेश्वर- गुप्तकाशी से 30 कि.मी. 
2. तुंगनाथ- चोपता से 5 कि.मी.। 
3. रुद्रनाथ- मण्डल चट्टी से 28 कि.मी.। 
4. कल्पेश्वर- हेलंग से 9 कि.मी. 
5. श्री केदारनाथ-सोन प्रयाग से 19 कि.मी.।
पञ्च प्रयाग-- 
1. देव प्रयाग- हरिद्वार से 93 कि.मी. भागीरथी
एवं अलकनन्दा का संगम।
2. रुद्रप्रयाग- देव प्रयाग से 71 कि.मी
अलकनन्दा और मंदाकिनी का संगम।
3. कर्ण प्रयाग- रुद्रप्रयाग से 31 कि ___ अलकनन्दा और पिदार गंगा का संगम 
4. नन्द प्रयाग- कर्ण प्रयाग से 21 कि.मी
अलकनन्दा और मंदाकिनी का संगम। 
5. विष्णु प्रयाग- जोशीमठ से 10 कि.मी..धौली गंगा और अलकनन्दा का संगम। 
उत्तराखंड के कुछ स्थानों की दूरियाँ कि.मी. में 
हरिद्वार से बद्रीनाथ-322
हरिद्वार से हेमकुण्ड-287
हरिद्वार से केदारनाथ-249 
हरिद्वार से उत्तरकाशी-170 
हरिद्वार से यमनोत्री-246 
हरिद्वार से देवप्रयाग-93 
हरिद्वार से गंगोत्री-272
हरिद्वार से जोशीमठ-274 
हरिद्वार से फूलों की घाटी-288 
केदारनाथ से बद्रीनाथ-230
बद्रीनाथ यात्रा के सम्बन्ध में सामान्य सूचनायें
श्री बद्रीनाथ जी की कथा
Story of Shri Badrinath

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