भगवान्का स्वरूप क्या है ?
bhagwan ka swaroop kya hai
आदि पुरुष भगवान श्री हरि जिनके अनेकों नाम है जिनसे यह संपूर्ण जगत का प्रादुर्भाव होता है और अंत में इन्हीं में लीन हो जाता है |
वह परमपिता परमात्मा अनंत शक्तियों से विभूषित है फिर भी पुराणों और शास्त्रों में प्रधान रूप से छह शक्तियों का वर्णन किया गया है |आइए हम भगवान के उन छह शक्तियों के बारे में जानते हैं |
- भगवान की 6 शक्तियां कौन-कौन सी हैं?
ऐश्वर्यस्य समग्रस्य धर्मस्य यशसः श्रियः । ज्ञानवैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरणा ॥
(ना० पूर्व० ४६ । १७)
सम्पूर्ण ऐश्वर्य, सम्पूर्ण धर्म, सम्पूर्ण यश, सम्पूर्ण श्री, सम्पूर्ण ज्ञान तथा सम्पूर्ण वैराग्य-इन छः का नाम 'भग' है।
- भगवान कहलाने योग्य कौन हैं?
सभी प्राणी प्राय: भगवान की आराधना करते हैं कि भगवान प्रसन्न होकर हमें परमधाम प्रदान करें, हमारे मन में कई बार प्रश्न उठता है भगवान होते कौन हैं ? ऐसी उनके पास कौन सी शक्ति रहती है जिससे वह एक समर्थ पुरुष बनते हैं और भगवान की उपाधि को धारण करते हैं |नारद पुराण में वर्णन आता है- भगवान कहलाने योग कौन होते हैं |
उत्पत्ति प्रलयं चैव भूतानामागतिं गतिम् ।
वेत्ति विद्यामविद्यां च स वाच्यो भगवानिति ॥
( ना० पूर्व० ४६ । २१)
जो सब प्राणियोंकी उत्पत्ति और प्रलयको, आवागमनको तथा विद्या और अविद्याको जानता है, वही भगवान् कहलाने योग्य है।
भगवान्का स्वरूप क्या है ?
bhagwan ka swaroop kya hai