ब्रह्मलोक किसको मिलता है
bramhalok ki prapti
bramhalok ki prapti
तेषामेवेष ब्रह्मलोको येषां तपो ब्रह्मचर्य येषु सत्यं प्रतिष्ठितम् ।
(प्रश्न० १ । १५)
जिनमें तप और ब्रह्मचर्य है, जिनमें सत्य प्रतिष्ठित है, उन्हींको ब्रह्मलोक मिलता है।
तेषामसौ विरजो ब्रह्मलोको न येषुजिह्ममनृतं न माया चेति ॥
(प्रश्न०१।१६)
जिनमें न तो कुटिलता और मिथ्या-भाषण है और न कपट ही है, उन्हींको वह विशुद्ध ब्रह्मलोक मिलता है।
विज्ञानात्मा सह देवश्च सर्वैः
प्राणा भूतानि सम्प्रतिष्ठन्ति यत्र ।
तदक्षरं वेदयते यस्तु सोम्य
स सर्वज्ञः सर्वमेवाविवेशेति ॥
(प्रश्न० ४।११)
हे प्रिय ! जिसमें समस्त प्राण, पाँचों भूत तथा सब इन्द्रियों और अन्तःकरणके सहित विज्ञानस्वरूप आत्मा आश्रय लेते हैं, उस अविनाशी परमात्माको जो जान लेता है वह सर्वज्ञ है तथा वह सर्वस्वरूप परमात्मामें प्रविष्ट हो जाता है।
ब्रह्मलोक किसको मिलता है
bramhalok ki prapti
ब्रह्म लोक की प्राप्ति सरलता से प्राप्त होने वाली नहीं है क्योंकि जब जीवात्मा इस संसार में आता है तो आते ही माया रूपी जाल में फंस जाता है, जिसके कारण ब्रह्म प्राप्ति पथ से भटक कर माया रूपी प्रपंच में रमा बसा रहता है |और कब उसकी आयु व्यतीत हो जाती है पता ही नहीं चलता लेकिन यह दशा उन्हीं की होती है जो असावधान होते हैं ,शास्त्रों का चिंतन नहीं करते महापुरुषों के सानिध्य में नहीं जाते भगवान पर आस्था नहीं रखते |
लेकिन जो सावधान होते हैं वह निरंतर उस परमपिता परमात्मा का स्मरण करते रहते हैं, साधु महात्माओं का संग करते हैं,शास्त्रों की बातों को मानते हैं , पाप कर्म से सदा दूर रहते हैं , जिससे वह सहज में ही अपने त्याग और भक्ति के प्रभाव से उस ब्रह्म तत्व की प्राप्ति कर लेते हैं |
ब्रह्म की प्राप्ति कैसे करें इसका वर्णन सुनने के बाद हम सब को भी ऐसा प्रयत्न करना चाहिए, ऐसा कर्म करना चाहिए जिस पर परमपिता परमात्मा हम पर कृपा करें और अपना अनुग्रह अपना धाम हमें प्रदान करें |
ब्रह्मलोक किसको मिलता है
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