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गणेश चतुर्थी क्यों मनायी जाती है ? ganesh chatu rthi kyo manai jati hai hindi

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गणेश चतुर्थी क्यों मनायी जाती है ? ganesh chatu rthi kyo manai jati hai hindi

गणेश चतुर्थी क्यों मनायी जाती है ? ganesh chatu rthi kyo manai jati hai hindi
गणेश चतुर्थी क्यों मनायी जाती है ? 
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गणेश चतुर्थी मनाई जाने के पीछे क्या रहस्य है ? वह कौन सा कारण है ?

जैसा कि आप सभी जानते हैं गणेश चतुर्थी का पावन पर्व पूरे भारत वर्ष में  गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है |

गणेश भगवान के जो भक्त होते हैं उनके लिए यह विशेष उत्सव होता है, जो कि दस दिनों तक चलता है और इन दिनों मैं गणेश भगवान के प्यारे भक्त उनका पूजन अर्चन धूप दीप नैवेद्य के द्वारा विधिवत करते हैं और बड़े उत्साह के साथ गणेश उत्सव का आनंद लेते हैं |

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गणेश चतुर्थी के मुख्य मंत्र क्या हैं?

गणेश चतुर्थी में इस्तमाल किये जाने वाले मन्त्रों में से जो सबसे मुख्य है वो है : –
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ .
निर्विध्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा 
गणेश चतुर्थी कहते हैं इसी दिन भगवान गणेश जी का दूसरा जन्म हुआ था |

गणेश जी के जन्म को लेकर तरह-तरह की कहानियां व कथाएं हमको प्राप्त होती हैं, सुनने को मिलते हैं | जिनमें से हम महापुरुषों के द्वारा कहीं गई कहानियों को यहां पर बता रहे हैं-

1- गणेश जी को जन्म को लेकर ऐसी कथा आती है की पार्वती अपने मैल से गणेश जी को उत्पन्न की |

2-  कई जगह ऐसा भी वर्णन मिलता है गणेश जी के जन्म को लेकर की सभी देवताओं के निवेदन करने पर राक्षसों के वध निमित्त हेतु भगवान शंकर और माता पार्वती ने गणेश जी का प्रादुर्भाव किया |

कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के ही दिन भगवान गणेश का दूसरा रूप गजानन के रूप में हुआ |

आइए जानते हैं वह कैसे ? ऐसी कथा आती है कि एक बार माता पार्वती स्नान करने के लिए गई और द्वार पर गणेश अपने पुत्र को खड़ी कर गई कि कोई अंदर ना आने पाए |

माता पार्वती के आदेशानुसार गणेश जी द्वार पर पहरा दे रहे थे कि उसी समय भगवान शंकर वहां पर आते हैं और उन्हें अंदर जाने से जैसे ही गणेश जी ने रोका भगवान शंकर को अत्यंत क्रोध आ गया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश जी के मस्तक को काट दिया |

जब यह समाचार माता पार्वती ने सुना तो वह अत्यंत विलाप करने लगी भगवान शंकर से उन्होंने हट किया आप किसी भी तरह मेरे पुत्र गणेश को जीवित कर दीजिए |

तब भगवान शंकर प्रसन्न होकर गणेश जी के सर के स्थान पर हाथी का मस्तक लगाया और गणेश जी को जीवनदान दिया और उन्हें ऐसा वरदान दिया कि देवताओं में  सर्वप्रथम आज से आपका स्थान होगा |

गणेश जी आप अपने भक्तों के विघ्नहर्ता और मंगल कर्ता होगें, तभी से यह गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है |

इस वर्ष गणेश चतुर्थी 22 अगस्त को है |

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप गणेश चतुर्थी की अग्रिम शुभकामनाएं अपने आत्मीय जनों को भेजें और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करें |
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