अष्टादश पुराणेषु श्लोक-
अष्टादश पुराणेषु श्लोकार्थ-
अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम् |परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम् ||
अष्टादश पुराणेषु श्लोकार्थ-
महर्षि वेदव्यास जी ने अठारह पुराणों में दो विशिष्ट बातें कही हैं | पहली –परोपकार करना पुण्य होता है और दूसरी — पाप का अर्थ होता है दूसरों को दुःख देना |
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