Udyamen Hi Siddhanti Shloka - उद्यमेन हि सिध्यन्ति श्लोकार्थ

Udyamen Hi Siddhanti Shloka ( उद्यमेन हि सिध्यन्ति श्लोक) -
उद्यमेन हि सिध्यन्ति श्लोकार्थ- udyamen hi siddhanti shlok sanskrit hindi arth sahit

 

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥

 उद्यमेन हि सिध्यन्ति श्लोकार्थ-
कोई भी काम कड़ी मेहनत से ही पूरा होता है सिर्फ सोचने भर से नहीं| कभी भी सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं आ जाता|

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके संस्कृत के बेहतरीन और चर्चित श्लोकों की लिस्ट [सूची] देखें-
नीति श्लोक व शुभाषतानि के सुन्दर श्लोकों का संग्रह- हिंदी अर्थ सहित। }

 

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