विद्या मित्रं प्रवासेषु श्लोक-
विद्या मित्रं प्रवासेषु श्लोकार्थ-
विद्या मित्रं प्रवासेषु,भार्या मित्रं गृहेषु च |व्याधितस्यौषधं मित्रं, धर्मो मित्रं मृतस्य च ||
विद्या मित्रं प्रवासेषु श्लोकार्थ-
ज्ञान यात्रा में,पत्नी घर में, औषध रोगी का तथा धर्म मृतक का ( सबसे बड़ा ) मित्र होता है |
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