दन्तधावन की आवश्यकता / danta dhavan ki avashyakta in hindi datun kyo karna chahiye

 दन्तधावन की आवश्यकता 

दन्तधावन की आवश्यकता / danta dhavan ki avashyakta in hindi datun kyo karna chahiye

दुर्गन्धयुक्त मुख से उच्चारित मन्त्र निष्फल होता है तथा मन अप्रसन्न रहता है । अतएव मुखशुद्धि आवश्यक है । 

अपनी सुविधा एवं अभ्यास के अनुसार तिक्त रसयुक्त निम्ब आदि के द्वादश अंगल लम्बे एवं कनिष्ठा अंगुल के अग्रभाग तुल्य मोटे छिलकेदार काप्ठ को धोकर उससे अथवा उपलब्ध दंतमंजन आदि द्रव्यों से मुखशुद्धि कर लें । 

दन्त धावन के फाड़े हुए भाग एवं सिहुला से जिह्वा को स्वच्छ कर लें ।


0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close