F प्रेरक कहानी- समय के बोल/इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ नही है dharmik gyanvardhak kahaniyan - bhagwat kathanak
प्रेरक कहानी- समय के बोल/इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ नही है dharmik gyanvardhak kahaniyan

bhagwat katha sikhe

प्रेरक कहानी- समय के बोल/इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ नही है dharmik gyanvardhak kahaniyan

प्रेरक कहानी- समय के बोल/इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ नही है dharmik gyanvardhak kahaniyan

 समय के बोल


इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ नही है

         एक सज्जन ने तोता पाल रखा था और उस से बहुत स्नेह करते थे,एक दिन एक बिल्ली उस तोते पर झपटी और तोता उठा कर ले गई वो सज्जन रोने लगे तो लोगो ने कहा:प्रभु आप क्यों रोते हो? 

हम आपको दूसरा तोता ला देते हैं वो सज्जन बोले:मैं तोते के दूर जाने पर नही रो रहा हूं।पूछा गया: फिर क्यों रो रहे हो?

          कहने लगे:दरअसल बात ये है कि मैंने उस तोते को रामायण की चौपाइयां सिखा रखी थी वो सारा दिन चौपाइयां बोलता रहता था आज जब बिल्ली उस पर झपटी तो वो चौपाइयाँ भूल गया और टाएं टाएं करने लगा।

अब मुझे ये फिक्र खाए जा रही है कि रामायण तो मैं भी पढ़ता हूँ लेकिन जब यमराज मुझ पर झपटेगा,न मालूम मेरी जिव्हा से रामायण की चौपाइयाँ निकलेंगी या तोते की तरह टाएं-टाएं निकलेगी।

              इसीलिए महापुरुष कहते हैं कि विचार-विचार कर तत्त्वज्ञान और रुपध्यान इतना पक्का कर लो कि हर समय,हर जगह भगवान के सिवाय और कुछ दिखाई न दे, हर समय जिव्हा पर राधे-राधे या  राम-राम चलता रहे।

अन्तिम समय ऐसा न हो हम भी तोते की तरह भगवान के नाम की जगह हाय-हाय करने लगे,नानक जी के पास सतसंग में एक छोटा लड़का प्रतिदिन आकर बैठ जाता था।

          एक दिन नानक जी ने उससे पूछाः-"बेटा,कार्तिक के महीने में सुबह इतनी जल्दी आ जाता है, क्यों?"वह छोटा लड़का बोलाः- "महाराज,क्या पता कब मौत आकर ले जाये?"

         नानक जीः-"इतनी छोटी-सी उम्र का लड़का,अभी तुझे मौत थोड़े मारेगी?अभी तो तू जवान होगा, बूढ़ा होगा,फिर मौत आयेगी।

        लड़का बोलाः- "महाराज,मेरी माँ चूल्हा जला रही थी,बड़ी-बड़ी लकड़ियों को आगने नहीं पकड़ा तो फिर उन्होंने मुझसे छोटी-छोटी लकड़ियाँ मँगवायी।

           माँ ने छोटी-छोटी लकड़ियाँ डालीं तो उन्हें आग ने जल्दी पकड़ लिया।इसी तरह हो सकता है मुझे भी छोटी उम्र में ही मृत्यु पकड़ ले,इसीलिए मैं अभी से सतसंग में आ जाता हूँ।"

         इसलिए जल्दी से परमात्मा से प्रेम करके जीवन सफल बना लो इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ नही है,कहीं बाद मे पछताना ना पडे ,,,

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