अहं भ्राता त्वदीयोस्मि - aham bhraata tvadeeyosmi
अहं भ्राता त्वदीयोस्मि धुन्धकारीति नामतः |
स्वकीयेनैव दोषेण ब्रह्मत्वं नाशितं मया ||
भैया मैं तुम्हारा भाई धुंधकारी हूं अपने दोष के कारण मैंने अपने ब्रम्हणत्व को नष्ट कर दिया मेरे कुकर्मो की कोई संख्या नहीं है जिसके कारण में प्रेतयोनि को प्राप्त हुआ हूं वायु का आहार करके जीवन यापन कर रहा हूं |अहं भ्राता त्वदीयोस्मि - aham bhraata tvadeeyosmi
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