अहं पुरातीत भवे भवं मुने /aham purateet bhave
व्यास जी मैं पूर्व जन्म एक दासी का पुत्र था मेरा जन्म हुआ और मेरा इतना बड़ा दुर्भाग्य मेरे छोटे में ही मेरे पिता जी का स्वर्गवास हो गया था मेरी मां मेरा लालन पालन करने लगी एक दिन मेरे गांव में कुछ वेदपाठी ब्राह्मण चातुर्मास व्यतीत करने आए और उनकी सेवा में मुझे नियुक्त कर दिया गया मैं मनोयोग से उनकी सेवा करने लगा |
अहं पुरातीत भवे भवं मुने /aham purateet bhave
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