F अश्वत्थाम्नोपसृष्टेन /ashvatthamno pa srshten - bhagwat kathanak
अश्वत्थाम्नोपसृष्टेन /ashvatthamno pa srshten

bhagwat katha sikhe

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अश्वत्थाम्नोपसृष्टेन ब्रह्मशीर्ष्णोरुतेजसा |
उत्तराया हतो गर्भ ईशेनाजीवितः पुनः ||
तस्य जन्म महाबुद्धेः कर्माणि च महात्मनः |
निधनं च यथैवासीत्स प्रेत्य गतवान यथा ||

सौनक जी श्री सूतजी से पूछते हैं अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र से उत्तरा का जो गर्भ नष्ट हो गया था और जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने पुनः जीवित कर दिया था उन महाराज परीक्षित के जन्म कर्म और किस प्रकार उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई है बताइए|


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