अतः पृच्छामि संसिद्धिं /atah prchchhami sansiddhim
अतः पृच्छामि संसिद्धिं योगिनां परमं गुरुम् |
पुरुषस्येह यत्कार्यं म्रियमाणस्य सर्वथा ||
यच्छृोतव्यमथो जप्यं यत्कर्तव्यं नृभिः प्रभो |
स्मर्तव्यं भजनीयं वा ब्रूहि यद्वा विपर्ययम् ||
हे योगियों के परम गुरु जो सर्वथा मृयमाण है जिनकी मृत्यु 7 दिन में होने वाली है ऐसे पुरुष को क्या करना चाहिए | किसका श्रवण करना चाहिए किसका जप करना चाहिए किस का स्मरण करना चाहिए किसका भजन करना चाहिए और क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए सब बताने की कृपा करेंअतः पृच्छामि संसिद्धिं /atah prchchhami sansiddhim
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