Bhagwan Shiv In Hindi
भगवान शिव के बारे में ,,,
सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमशंकर, त्र्यम्बक, वैद्यनाथ, नागेश, रामेश्वर तथा घुश्मेश्वर-ये बारह ज्योतिर्लिंग हैं।
ईशान, तत्पुरुष अघोर, वामदेव तथा सधोजात-ये भगवान शिव की पांच विशिष्ट मूर्तियां हैं। ये उनके पांच मुख भी कहे जाते हैं।
शिव पुराण के अनुसार, शिव की प्रथम मूर्ति, क्रीड़ा, दूसरी तपस्या, तीसरी लोकसंहार, चौथी अहंकार की अधिष्ठात्री और पांचवीं ज्ञान प्रधान होने के कारण सम्पूर्ण विश्व को आच्छन कर रखती है।
भगवान शिव की अष्टमूर्तियां-शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव ये क्रमश: पृथ्विी , जल, तेज, वायु, आकाश, क्षेत्रज्ञ, सूर्य और चंद्र में अधिष्ठित रहती है।
पंचतत्वात्मक पंचलिंगी की भारत में विशेष उपासना होती है। क्षेत्रज्ञमूर्ति की पशुपतिनाथ के रूप में आराधना की जाती है।
Bhagwan Shiv In Hindi