चत्वारि खलु कार्याणि /chatvari khalu karyani
चत्वारि खलु कार्याणि सन्ध्या काले विवर्जयेत |
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायञ्च चतुर्थकम् |
शाम के समय भोजन स्त्री प्रसंग सोना और पढ़ना नहीं चाहिए महर्षि कश्यप के इस प्रकार समझाने पर भी दिति नहीं मानी उनके वस्त्रों को पकड़ लिया महर्षि कश्यप ने दिति के इस दुराग्रह को देखा तो दैव को प्रणाम किया और उनकी इच्छा को पूर्ण कर स्नान आचमन प्राणायाम कर भगवान का ध्यान करने लगे |चत्वारि खलु कार्याणि /chatvari khalu karyani
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