F दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam - bhagwat kathanak
दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam

bhagwat katha sikhe

दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam

दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam

 दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam


दुर्भगो बत लोकोयं यदवो नितरामपि |
ये संवसन्तो न विदुर्हरिं मीना इवोडुपम् ||

विदुर जी यह लोक भाग्य हीन है और उसमें भी यदुवंशी तो नितांत अभागे हैं जो श्री कृष्ण के साथ रहते हुए भी उन्हें पहचान नहीं सके | जैसे अमृत में चंद्रमा के समुद्र में रहते हुए मछलियां उसे नहीं पहचान पाती |


 दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam

  • आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-

 भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com 

आप हमारे  whatsapp  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here

दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam

हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear 


 दुर्भगो बत लोकोयं /durbhago bat lokoyam


Ads Atas Artikel

Ads Center 1

Ads Center 2

Ads Center 3