जयति जगति मायां - Jayati jagati māyāṁ
जयति जगति मायां यस्य काया धवस्ते वचन रचनमेकं केवलं चाकलय्य|
ध्रुवपद मपि यातो यत्कृपातो ध्रुवोयम सकल कुशल पात्रं ब्रह्मपुत्रं नतास्मि ||
( मा.1.80 )
जिन आपके एकमात्र उपदेश को धारण करके कयाधु नंदन प्रहलाद ने माया पर विजय प्राप्त कर ली और जिन आपकी कृपा से ध्रुव ने ध्रुव पद को प्राप्त कर लिया ऐसे ब्रह्मा जी के पुत्र देवर्षि नारद को मैं प्रणाम करती हूं |
जयति जगति मायां - Jayati jagati māyāṁ
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here