यत्फलं नास्ति तपसा - yatphalam naasti tapasa
यत्फलं नास्ति तपसा न योगेन समाधिना |
तत्फलं लभते सम्यक्कलौ केशवकीर्तनात् ||
तत्फलं लभते सम्यक्कलौ केशवकीर्तनात् ||
( मा.1.68 )
जो फल अन्य युगों में तपस्या योग समाधि के द्वारा नहीं प्राप्त होता था वह फल कलयुग में मात्र भगवान श्रीहरि के कीर्तन से प्राप्त हो जाता है।
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