वृन्दावनस्य संयोगात् - Vr̥ndāvanasya sanyōgāt
वृन्दावनस्य संयोगात्पुनस्त्वं तरुणीनवा|
धन्यं वृन्दावनं तेन भक्तिर्नृत्यति यत्र च ||
धन्यं वृन्दावनं तेन भक्तिर्नृत्यति यत्र च ||
( मा.1.61 )
इस वृंदावन को प्राप्त करके आज पुनः आप युवती हो गई यह वृंदावन धन्य है जहां भक्ति महारानी नृत्य करती हैं।
वृन्दावनस्य संयोगात् - Vr̥ndāvanasya sanyōgāt
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