किं श्रुतैर्बहुभिः शास्त्रैः - kim shrutairbahubhih shaastraih
किं श्रुतैर्बहुभिः शास्त्रैः पुराणैश्च भ्रमावहैः |
एकं भागवतं शास्त्रं मुक्तिदानेन गर्जति ||
एकं भागवतं शास्त्रं मुक्तिदानेन गर्जति ||
( मा.3.28 )
बहुत से पुराण और शास्त्रों को सुनने से क्या प्रयोजन यह तो भ्रम उत्पन करने वाले हैं मुक्ति प्रदान करने के लिए एकमात्र भागवत शास्त्र ही गर्जना कर रहा है।
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