mala ke prayog
माला का प्रयोग?
मालाएं तो सभी किसी न किसी प्रकार के पत्थर की ही होती हैं, परन्तु प्रत्येक साधना में अलग-अलग मालाओं का उल्लेख रहता है।
इसका कारण यही है, मालाएं तो सभी एक-सी ही हैं, परन्तु जिन साधना विशेष के लिए जिस माला को बतलाया गया है, उस साधना के लिए वही माला प्रयुक्त करनी चाहिए।
श्री महालक्ष्मी साधना के लिए सिद्ध की गई माला से लक्ष्मी साधना सम्पन्न नहीं हो सकेगी, और अगर प्रयास किया भी जाए, तो असफलता ही मिलेगी।
जो मुख्य बात होती है, वह माला के पदार्थ में नहीं अपित इस बात में होती है, कि वह किन मंत्रों से और किस पद्धति से प्राणप्रतिष्ठित की गई है।
महत्व मंत्र ऊर्जा एवं प्राणश्चेतना का ही होता है. शेष माला का पदार्थ तो गौण तथ्य है।
यों तो बाजारों में समस्त प्रकार की मालाएं मिलती हैं परन्तु वह केवल पत्थरी मालाएं ही होती हैं, चेतना के नाम पर वे निष्प्राण होती है और इसी कारण साधना के लिए निरुद्देश्य भी होती हैं।
mala ke prayog