Mala Me 108 Dane Ka Matlab
माला में एक सौ आठ मनके क्यों?
ऋषियों ने इस बात को अनुभव किया कि ब्रह्माण्ड में निरन्तर घूमते हुए नक्षत्र का जातक के जीवन पर प्रभाव पड़ता है।
इन नक्षत्रों की गतिविधियों से ही जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। प्रत्येक दिशाओं में घूमते नक्षत्रों को ऋषियों ने 28 नक्षत्रों में विभक्त किया है।
इन 4 दिशाओं और 4 नक्षत्रों के प्रभाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ही माला में 27 गुणा 4 बराबर 108 मनके का विधान किया गया।
इनके साथ ही जिस नक्षत्र माला के आधार पर जप करने की कल्पना की गई है, उन 27 नक्षत्रों के 4 चरण होते हैं।
इस प्रकार नक्षत्रों के 27 गुणा 4 बराबर 108 चरण हए-और इस प्रकार माला के 108 दाने हए। अत: माला को नक्षत्र माला के प्रतिरूप में ही धारण की गई है।
'शतपथ ब्राह्मण' में कहा है-
"अर्थ सर्वाणि भूतानि"
अर्थात्• संवत्सर में 10800 मुहूर्त होते हैं और इतने ही वेदत्रयी के युग्म होते हैं। इसे मनुष्य की पूर्णायु 100 वर्ष पर घटित करने से 108 संख्या आती है।
Mala Me 108 Dane Ka Matlab