F मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam - bhagwat kathanak
मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam

bhagwat katha sikhe

मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam

मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam

 मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam


मनोस्तु शतरूपायां तिस्त्रः कन्याश्च जज्ञिरे |
आकुतिर्देवहूतिश्च प्रसूतिरिति विश्रुताः ||

श्री मैत्रेय जी कहते हैं , विदुर जी स्वायंभुव मनु और महारानी शतरूपा की आकृति देवहुति और प्रसूति नामक तीन कन्याएं हुई , आकूति का विवाह रुचि नाम के प्रजापति से हुआ जिनसे यज्ञ नारायण का जन्म हुआ |

 मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam

  • आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-

 भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com 

आप हमारे  whatsapp  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here

मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam

हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear 


     मनोस्तु शतरूपायां /manostu sat rupayam


    Ads Atas Artikel

    Ads Center 1

    Ads Center 2

    Ads Center 3