नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya
नमस्ये पुरुषं त्वाद्यमीश्वरं प्रकृतेः परम्|
अलक्ष्यं सर्वभूतानामन्तर्बहिर वस्थितम् ||
हे प्रभु मैं आपको प्रणाम करती हूं आज मैं जान गई आप प्रकृति से परे साक्षात परब्रम्ह परमात्मा है। जो समस्त प्राणियों के अंदर बाहर स्थित हैं |
नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya
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