F नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya - bhagwat kathanak
नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya

bhagwat katha sikhe

नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya

नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya

 नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya


नमस्ये पुरुषं त्वाद्यमीश्वरं प्रकृतेः परम्|
अलक्ष्यं सर्वभूतानामन्तर्बहिर वस्थितम् ||

हे प्रभु मैं आपको प्रणाम करती हूं आज मैं जान गई आप प्रकृति से परे साक्षात परब्रम्ह परमात्मा है। जो समस्त प्राणियों के अंदर बाहर स्थित हैं  |


 नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya

  • आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-

 भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com 

आप हमारे  whatsapp  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here

नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya

     नमस्ये पुरुषं त्वाद्य /Namasyē puruṣaṁ tvādya

    Ads Atas Artikel

    Ads Center 1

    Ads Center 2

    Ads Center 3