यथा ह्रषीकेश खलेन देवकी /yatha hrasheekesh khalen devakee
यथा ह्रषीकेश खलेन देवकी
कंसेन रूध्दातिचिरं शुचार्पिताः |
विमोचिताहं च सहात्मजा विभो
त्वयैव नाथेन मुहुर्विपद् गणात ||
प्रभु जिस प्रकार आपने दुष्ट कंस ने देवकी की रक्षा की उसी प्रकार आपने मेरे पुत्रों के साथ मेरी अनेकों बार विपत्तियों से रक्षा की आप माता देवकी से अधिक मुझसे स्नेह करते हैं क्योंकि दुष्ट कंस से आपने मात्र देवकी की ही रक्षा की उनके पुत्रों की रक्षा नहीं कर सके परंतु मेरी तो आपने मेरे पुत्रों के साथ सदा रक्षा किए,,
कंसेन रूध्दातिचिरं शुचार्पिताः |
विमोचिताहं च सहात्मजा विभो
त्वयैव नाथेन मुहुर्विपद् गणात ||
प्रभु जिस प्रकार आपने दुष्ट कंस ने देवकी की रक्षा की उसी प्रकार आपने मेरे पुत्रों के साथ मेरी अनेकों बार विपत्तियों से रक्षा की आप माता देवकी से अधिक मुझसे स्नेह करते हैं क्योंकि दुष्ट कंस से आपने मात्र देवकी की ही रक्षा की उनके पुत्रों की रक्षा नहीं कर सके परंतु मेरी तो आपने मेरे पुत्रों के साथ सदा रक्षा किए,,
यथा ह्रषीकेश खलेन देवकी /yatha hrasheekesh khalen devakee
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