Om Tryambakam Yajamahe Hindi Lyrics

Om Tryambakam Yajamahe Hindi Lyrics

Maha Mrityunjaya Mantra In Hindi

 त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।


भावार्थ-'हम तीन नेत्रों वाले शिव की उपासना करते हैं। यहां वैदिक परिभाषा में गायत्री छन्द , जगती छन्द अर्थात् तीन शक्तियों के स्वामी। पौराणिक मत से अग्नि, चन्द्र और सूर्य के तीन नेत्र हैं। वह त्र्यम्बक कहलाता है।


ज्योतिषीय मत के भूत, भविष्य और वर्तमान ये तीनों काल, स्वरूप त्र्यम्बक के तीन नेत्र हैं।


उस सर्वशक्तिमान ईश्वर की मैं सुगन्धित युक्त और पुष्टि प्रदान करने उर्वास्क अर्थात् खीरा या खरबूजा की तरह मृत्यु के बन्धन से मुक्त हो जाऊं तथा अमृतमय परमात्मा से उसका सम्बन्ध कदापि विच्छिन्न हो।'


स्नानादि से निवृत्त होकर किसी शांत और पवित्र स्थान पर शरीर शुद्धि, आचमन, प्राणायाम, गणेश स्मरण, गुरु वन्दन के पश्चात् तिथि, वार नक्षत्र आदि का उच्चारण करते हुए मंत्र जाप करें।

  • आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-

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