F स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo - bhagwat kathanak
स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo

bhagwat katha sikhe

स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo

स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo

स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo


 स वै पुसां परोधर्मो यतो भक्ति रधोक्षजे |

अहैतुक्य प्रतिहिता ययात्मा सम्प्रसीदति || 
मनुष्य का परम धर्म वही है जिसके करने से भगवान श्री हरि की भक्ति प्राप्त हो और वह भक्ति निस्काम हो तथा सदा बनी रहे क्योंकि कहा गया है |

स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo

  • आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-

 भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com 

आप हमारे  whatsapp  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here

स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo

    स वै पुसां परोधर्मो /sa vai pusam parodharmo

    Ads Atas Artikel

    Ads Center 1

    Ads Center 2

    Ads Center 3