F तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi - bhagwat kathanak
तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi

bhagwat katha sikhe

तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi

तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi

 तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi


तुष्टोहमद्य तव मानवि मानदायाः
             शुश्रूषया परमया परया च भक्त्या |
यो देहिनामयमतीव सुह्रत्स्वदेहो 
              नावेक्षितः समुचितः क्षपितु ं मदर्थे ||
हे मनु नंदिनी देवहूति प्राणियों को अपना शरीर अत्यंत प्यारा होता है | परंतु तुमने अपने शरीर की परवाह है ना करके मेरी जो सेवा की है उससे में प्रसन्न हो गया तुम्हारी जो इच्छा हो वह मुझ से मांग लो देवहूति ने कहा प्रभु विवाह के समय आपने जो प्रतिज्ञा की थी उसे पूर्ण करो |

 तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi


 तुष्टोहमद्य तव मानवि /tushtoha mady tav manavi


    Ads Atas Artikel

    Ads Center 1

    Ads Center 2

    Ads Center 3