यथा धर्मादयश्चार्था /Yathā dharmā dayaśchārthā
यथा धर्मादयश्चार्था मुनिवर्यानुकीर्तिताः |
न तथा वासुदेवस्य महिमाह्यनुवर्णितः ||
वेदव्यास जी आपने जिस प्रकार धर्म अर्थ काम और मोक्ष पुरुषार्थ का पुराणों में वर्णन किया है उस प्रकार आपने भगवान तथा भगवान की भक्ति का वर्णन नहीं किया |यथा धर्मादयश्चार्था /Yathā dharmā dayaśchārthā
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here