अरयोपि हि सन्धेया: /arayopi hi sandheyah
अरयोपि हि सन्धेया: सति कार्यार्थ गौरवे ।
अहिमूषक वद् देवा ह्यर्थस्य पदवीं गतै: ।। ८/६/२०
देवताओं अपना काम बनाने के लिए सत्रु से भी मित्रता कर लेनी चाहिए,हां काम निकल जाने के बाद अहिमूषक न्याय का आश्रष ले सकते हैं |
अरयोपि हि सन्धेया: /arayopi hi sandheyah
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