आसीत्पुरन्जनो नाम /Ashita puranjano nam
एक पुरंजन नाम का राजा था | परमं शरीरं जनयति इति पुरन्जनः || जो अपने कर्मों के अनुसार अनेकों प्रकार के शरीर धारण करें ऐसे जीवात्मा को पुरंजन कहते हैं , पुरन्जन का एक मित्र था , जिसका नाम अभिज्ञात था |
न विज्ञाय जन्मभिः कर्मभिः इति अभिज्ञातः || जिसके जन्म और कर्म का पता नहीं चलता ऐसा परमात्मा ही अभिज्ञात नाम का मित्र है |
आसीत्पुरन्जनो नाम /Ashita puranjano nam
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