क्वचिद् गायति गायन्त्यां /Kvacid gāyati gāyantyāṁ
क्वचिद् गायति गायन्त्यां रुदत्यां रुदती क्वचिद् |
क्वचिद्धसन्त्यां हसति जल्पन्त्यामनु जल्पति ||
जब वह गाती तो स्वयं भी गाने लगता जब वह रोती तो स्वयं भी रोने लगता , उसके हंसने पर हंसता , बात करने पर बात करता उसके शोक करने पर शोक करता और जब वह प्रसन्न हो जाती तो स्वयं प्रसन्न हो जाता |
क्वचिद् गायति गायन्त्यां /Kvacid gāyati gāyantyāṁ
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