भ्रातस्तिष्ठ तले तले /bhratas tishtha tale tale
भ्रातस्तिष्ठ तले तले विटपि नाम ग्रामेषु भिक्षामट्, स्वछन्दं पिब यामुनां जल मलं चिराणि कन्थां कुरू। सम्मानं कलयाति घोर गरलं नीचापमानं सुधा, श्री राधा मुरली धरौ भज सखे वृन्दावनं मात्यजं
भ्रातस्तिष्ठ तले तले /bhratas tishtha tale tale
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