मृगयुरिव कपीन्द्रं /mriga yuriv kapindram
जब तेरे स्वामी राम वन गए थे जब उन्होंने निरपराध बाली को व्याघ्र के समान छिपकर बड़े निर्दयता से मारा था , बेचारी सुर्पणखा उनके पास काम बस आई थी परंतु उन्होंने उसके भी नाक कान काट कर उसे भी कुरुप बना दिया, राजा बलि उसने तो अपना सर्वस्व दान कर दिया भगवान को, परंतु उसे भी वरुण पास में बांध पाताल में डाल दिया |
मृगयुरिव कपीन्द्रं /mriga yuriv kapindram
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