नाहं हालाहलं मन्ये /naham halahalam manye
नाहं हालाहलं मन्ये विषं यस्य प्रतिक्रिया |
ब्रम्हस्वं हि विषं प्रोक्तं नास्य प्रतिविधिर्भुवि |
मैं हलाहल विष को विश नहीं मानता क्योंकि उसकी दवा हो सकती है परंतु जो ब्राह्मणों का अपराध करता है, उनके धन का हरण करता है संसार में उसे बचाने वाली कोई औषधि नहीं |
नाहं हालाहलं मन्ये /naham halahalam manye
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